बिहार राज्य में भूमि संबंधित विवादों की घटनाओं को रोकने के लिए बिहार सरकार के द्वारा एक नई पहल शुरू की गई थी जिसके अत्यंत बिहार सरकार द्वारा जमीन सर्वे प्रक्रिया को शुरू किया गया था और बिहार में जमीन सर्वे की प्रक्रिया को जो जोरो शोरो से चलाया जा रहा है और साथ ही जमीन का सर्वे करवाने के लिए लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है।
आप सभी की जानकारी के लिए बता दें की वर्तमान समय में भी बिहार राज्य में जमीन सर्वे की प्रक्रिया को संचालित किया जा रहा है और अगर आपने अभी तक अपनी जमीन का सर्वे नहीं करवाया है तो आप इसका सर्वे करवा सकते हैं। बताते चलें कि सर्वे की प्रक्रिया में समय-समय पर नियमों में परिवर्तन भी किया जाता है और इन नियमों के बारे में आप सभी को भी जानकारी होनी चाहिए।
आपको बता दे कि बिहार जमीन सर्वे से जुड़ा हुआ एक और नया नियम परिवर्तन किया गया है जिसके बारे में आप सभी लोगों को भी पता होना चाहिए और यदि आपको अभी तक जमीन सर्वे से जुड़ा हुआ नया नियम पता नहीं है तो फिर आपको हमारे आर्टिकल में जुड़े रहना है क्योंकि हम आपको इस आर्टिकल में बिहार जमीन सर्वे न्यू रूल से जुड़ी हुई जानकारी बताने वाले हैं तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
Bihar Jamin Survey New Rules
एक बार फिर से बिना तैयारी शुरू हुए ही बिहार के जमीन सर्वे में नए नियम कब बदल दिए जाते हैं इसके बारे में किसी को पता नहीं रहता है और इस महीने में जमीन सर्वे में पूरी तरह विफल रही है। सरकार के द्वारा इस सर्वे में अब तक इतने संशोधन किए जा चुके हैं कि रैयतों को पता ही नहीं चलता कि आखिर अब आगे क्या करना है और इसी के परिणाम स्वरुप पटना जिले में अब तक केवल 40% रैयतों ने आवेदन फार्म भरे है।
सरकार के द्वारा जो नया नियम पारित किया गया है वह वंशावली को लेकर है और सरकार ने पहले वंशावली सरपंच से बनवाने को कहा था और फिर कहां गया था की वंशावली l स्व-लिखित देना है और अब सरकार ने नया संशोधन लाया है और अब जमीन की सर्वेक्षण के लिए वंशावली प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं है क्योंकि ऐसा होने पर वंशावली के भ्रम के कारण पिछले तीन माह में रैयतों के लाखों खर्च हो चुके हैं और यही कारण है कि इसमें परिवर्तन लाया गया है।
केवल 40% प्राप्त हुए आवेदन
आपको बता दें कि पटना जिले में 1511 राजस्व ग्राम है और 41 ग्राम टोपोलैंड क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। वहीं शेष 1300 राजस्व ग्रामों में सर्वे की प्रक्रिया का कार्य शुरू हो चुका है और पटना जिले के 7 लाख परिवारों से आवेदन अपेक्षित हैं और अब तक करीब 3 लाख आवेदन फार्म प्राप्त हो चुके हैं जो कल अपेक्षित का 40% है।
सर्वे टीम के द्वारा लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से संपर्क किया जा रहा है और आवेदन संख्या बढ़ने पर कार्य किया जा रहा है। राजस्व विभाग ने समय सीमा को बढ़ाकर प्रक्रियाओं को सरल बनाया है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता अभियान भी संचालित किए जा रहे है। सर्वे की प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए नागरिकों की जिम्मेदारी है कि भी आवश्यक जानकारी देकर अपनी जमीन की रिकॉर्ड को अपडेट करवा।
समय अवधि फिर हुई वृद्धि
1 वर्ष में ही सर्वे प्रक्रिया पूरी करवा लेने के बाद में दावा करने वाली भू राजस्व विभाग अब तक 2 बार समय अवधि में परिवर्तन कर चुका है और उसमें वृद्धि कर चुका है। बताते चले कि इस समय अवधि को लेकर एक बार फिर से विभाग के द्वारा नई गाइड लाइन जारी की गई है और अब यदि किसी जमीन की दखल या फिर कागजात में गड़बड़ी पाई जाती है तो इस स्थिति में संबंधित रैयत को दावा-आपत्ति दर्ज करनी होग।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने प्रक्रियाओं को सरल एवं समयबद्ध बनाने के उद्देश्य के साथ किश्तवार (गांवों का मानचित्र तैयार करना) का समय 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया गया है। खानापुरी पर्चा वितरण का समय 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन, कर दिया है और इस पर दावा आपत्ति दर्ज करने का समय 30 दिन से बढ़कर 60 दिन का कर दिया गया है।
बिहार जमीन सर्वे के लिए आवेदन कैसे करें?
बिहार जमीन सर्वे करवाने के लिए आप सभी को निम्नलिखित प्रक्रिया फॉलो करनी होगी :-
- जमीन सर्वे के लिए आवेदन करना होगा जिसके लिए आपको DIRS बिहार आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आपके सामने मुख्य पृष्ठ खुलेगा जहां आपको जमीन सर्वे संबंधित ऑप्शन पर क्लिक करना है।
- इसके बाद में आपको अपनी जमीन का खाता नंबर खसरा नंबर दर्ज करना होगा।
- इतना करने के बाद में आपको रकवा और चौहद्दी की जानकारी दर्ज करे।
- अब आपको जमाबंदी रसीद (मालगुजारी रसीद) अपलोड करना है।
- इतना करने के बाद में आपको अपना आवेदन फॉर्म सबमिट कर देना है।